परिचय: रक्षाबंधन का सांस्कृतिक महत्व

रक्षाबंधन भारत का एक प्रमुख पारंपरिक पर्व है जो भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के पवित्र बंधन का प्रतीक है। यह त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई जीवनभर बहन की रक्षा का वचन देता है।

Rakshabandhan
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रक्षाबंधन 2025 में कब है?

तारीख: शनिवार, 09 अगस्त 2025

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त: प्रातः 10:58 से रात्रि 07:12 तक

(चंद्र दर्शन और पूर्णिमा तिथि के अनुसार समय बदल सकता है, अतः पंचांग अवश्य देखें।)

इतिहास और पौराणिक कथाएं

1. कृष्ण और द्रौपदी की कथा:

जब श्रीकृष्ण का हाथ युद्ध में कट गया था, तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उनके घाव पर बांधा। इसे राखी का प्रारंभिक रूप माना जाता है।

2. राजा बलि और माता लक्ष्मी:

भगवान विष्णु ने राजा बलि से वचन निभाने के लिए पाताल लोक में निवास किया। लक्ष्मीजी ने राजा बलि को राखी बांधकर विष्णु को वापस लाने की युक्ति रची। तब से रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम से जुड़ा पर्व बना।

रक्षाबंधन मनाने की परंपरा

1. पूजा की तैयारी:

बहनें पहले पूजा की थाली सजाती हैं जिसमें राखी, रोली, चावल, दीपक, मिठाई और नारियल होता है। भाई को तिलक कर, राखी बांधकर आरती उतारी जाती है। भाई उपहार देता है और रक्षा का वचन लेता है।

2. उपहार देने की परंपरा:

वर्तमान समय में भाई अपनी बहनों को मोबाइल, गहने, कपड़े, पैसे आदि उपहार स्वरूप देते हैं। यह प्यार और सम्मान का प्रतीक होता है।

रक्षाबंधन का आधुनिक रूप

1. डिजिटल राखी:

जो भाई-बहन दूर रहते हैं, वे वर्चुअल राखी, ऑनलाइन शॉपिंग और वीडियो कॉल के ज़रिए इस पर्व को मनाते हैं।

2. राखी के नए डिज़ाइन्स:

अब मार्केट में इको-फ्रेंडली राखी, बीज वाली राखी, पर्सनलाइज्ड राखी और कार्टून राखियां भी मिलती हैं।

3. सामाजिक रक्षाबंधन:

आज कई महिलाएं सैनिकों, पुलिसकर्मियों, डॉक्टर्स को भी राखी बांधती हैं जो समाज की रक्षा करते हैं। यह पर्व अब सिर्फ खून के रिश्ते तक सीमित नहीं है।

रक्षाबंधन पर विशेष भोजन

मिठाइयां जैसे गुजिया, बेसन के लड्डू, रसगुल्ले, घेवर आदि बनती हैं विशेष थाली में भाई की पसंद का भोजन परोसा जाता है।

रक्षाबंधन पर कविता

"राखी का धागा है बंधन प्यारा,

भाई-बहन का रिश्ता सबसे न्यारा।

रक्षा का ये वादा है अनमोल,

हर दिल में बसे इसका मीठा बोल।"

रक्षाबंधन से जुड़ी कुछ रोचक बातें

राखी सिर्फ भाई को नहीं: अब बहनें बहनों को भी राखी बांधती हैं।

ब्रह्ममुहूर्त में राखी बांधना शुभ: परंतु भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर: अब ये पर्व विदेशों में भी बसे भारतीय परिवारों द्वारा मनाया जाता है।

निष्कर्ष:

रक्षाबंधन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि प्रेम, विश्वास, त्याग और समर्पण की भावना का उत्सव है। यह हमें रिश्तों को सहेजने और निभाने की प्रेरणा देता है। आधुनिक जी

वनशैली में इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि यह हमें हमारी संस्कृति और परिवार से जोड़े रखता है।

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