Varalakshmi Pooja 2025 की संपूर्ण जानकारी: तिथि, मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

भारतवर्ष में देवी लक्ष्मी की पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है, विशेषकर महिलाओं के लिए यह अत्यंत पुण्यदायी व्रत होता है। वरलक्ष्मी व्रत देवी लक्ष्मी के आठ स्वरूपों की पूजा का पर्व है, जिसे सौभाग्य, समृद्धि और परिवार की मंगलकामना के लिए मनाया जाता है। इस लेख में हम जानेंगे Varalakshmi Pooja 2025 की तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि, व्रत कथा और इसका धार्मिक महत्व।

तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
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📅 Varalakshmi Pooja 2025 की तिथि और दिन

साल 2025 में वरलक्ष्मी व्रत शुक्रवार, 8 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। यह पर्व श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की शुक्रवार को आता है, जो सौंदर्य, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि की प्रतीक देवी लक्ष्मी को समर्पित है।

🕖 पूजा का शुभ मुहूर्त (Varalakshmi Pooja Muhurat 2025)

  • पूजा प्रारंभ का समय: प्रातः 06:15 बजे से
  • पूजा समाप्ति का समय: दोपहर 01:20 बजे तक
  • पूजा के लिए श्रेष्ठ समय: सुबह 07:00 से 10:30 बजे के बीच

🌺 वरलक्ष्मी व्रत का महत्व

वरलक्ष्मी व्रत का उल्लेख स्कंद पुराण और पद्म पुराण में मिलता है। यह व्रत विशेष रूप से विवाहित स्त्रियों द्वारा पति की लंबी उम्र, परिवार की समृद्धि और संतान की उन्नति के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजा करने से आठ लक्ष्मियों – धन लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, आदि लक्ष्मी, गज लक्ष्मी, विजय लक्ष्मी, विद्या लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी और वीर लक्ष्मी – की कृपा प्राप्त होती है।

🧘‍♀️ वरलक्ष्मी व्रत की पूजा विधि

1. व्रत की तैयारी

  • सुबह जल्दी स्नान कर घर की सफाई करें।
  • कलश स्थापना के लिए एक पाट (चौकी) पर स्वस्तिक बनाएं।
  • कलश में चावल, सिक्के, सुपारी और हल्दी डालें।
  • कलश के ऊपर नारियल रखें और वस्त्र से सजाएं।

2. देवी की स्थापना

कलश के ऊपर देवी लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। वरलक्ष्मी स्वरूप में सजाएं। लाल वस्त्र और आभूषणों से सजाएं।

3. पूजन सामग्री

  • पंचामृत, चावल, फल, मिठाई, नारियल
  • लाल वस्त्र, श्रृंगार सामग्री, दीपक, कपूर
  • धूप, अगरबत्ती, फूल, सुपारी, हल्दी-चावल

4. पूजा विधि

  1. दीप प्रज्वलित करें और मंत्रोच्चारण से पूजा आरंभ करें।
  2. लक्ष्मी माता का आवाहन कर अर्घ्य, पुष्प और नैवेद्य अर्पण करें।
  3. Varalakshmi Ashtottara Shatanamavali (108 नाम) का पाठ करें।
  4. व्रत कथा पढ़ें और परिवार सहित आरती करें।

5. व्रत कथा (संक्षेप में)

एक बार भगवान शिव ने माता पार्वती को इस व्रत की महिमा बताई थी। कर्णाटक राज्य की एक महिला चारुमति को स्वप्न में माता ने यह व्रत करने को कहा और जब उसने व्रत किया, तो उसे सुख, सौभाग्य और समृद्धि प्राप्त हुई। तभी से यह व्रत परंपरा में आ गया।

🪔 वरलक्ष्मी पूजन में क्या करें और क्या न करें

  • क्या करें: व्रत में सात्विकता रखें, स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, ब्राह्मण या स्त्रियों को भोजन कराएं।
  • क्या न करें: मांस, शराब का सेवन, क्रोध, झूठ या किसी का अपमान न करें।

🙏 वरलक्ष्मी पूजन के लाभ

  • परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  • कर्ज से मुक्ति मिलती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
  • पति-पत्नी के बीच प्रेम और समझ बढ़ती है।
  • संतान की उन्नति और परिवार की उन्नति होती है।

📿 वरलक्ष्मी पूजन मंत्र

मंत्र: "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः"

इस मंत्र का जाप 108 बार जपमाला से करें। इससे लक्ष्मी माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

📌 निष्कर्ष (Conclusion)

Varalakshmi Vrat नारी शक्ति और पारिवारिक मूल्यों का पर्व है। यह व्रत न केवल सांसारिक लाभ देता है, बल्कि आत्मिक शांति और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद भी प्रदान करता है। यदि आप भी सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य और मंगल की कामना करते हैं तो 8 अगस्त 2025 को इस व्रत को श्रद्धा और नियमपूर्वक अवश्य करें।

यह लेख “Rashtra Report” द्वारा प्रस्तुत किया गया है। ऐसे ही सनातन संस्कृति, पर्वों और परंपराओं की जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।


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